टाटा ग्रुप की ऑनलाइन फॉर्मेसी 1 एमजी लैब्स की एक स्टडी में पता चला कि 4 में से 3 भारतीयों के शरीर में सनशाइन विटामिन यानी विटामिन डी की कमी है। यह स्टडी देश के 27 शहरों के 2.2 लाख लोगों पर की गई थी। महिलाओं और बुजुर्गों के मुकाबले युवा पुरुषों में यह कमी ज्यादा देखी गई।
आज जरूरत की खबर में जानेंगे कि विटामिन डी का हमारे शरीर में क्या काम होता है, इसकी कमी क्यों हो जाती है, कमी से क्या बीमारियां या परेशानियां हो सकती हैं और विटामिन डी की कमी को कैसे दूर किया जाए।
अगर ये परेशानियां हो रही हैं तो समझ जाइए कि शरीर में विटामिन डी की कमी है…
अगर पहले से ज्यादा थकान होने लगी है।
नींद आती तो है मगर ठीक से सो नहीं पाते।
कई बार बैठे-बैठे सो जाते हैं।
हड्डियों में दर्द रहने लगा है।
नकारात्मक विचार पहले से कुछ ज्यादा आने लगे हैं।
हर वक्त चिड़चिड़ापन और दुखी महसूस करते हैं।
बालों का झड़ना बढ़ गया है।
मसल्स कमजोर हो गई हैं।
पैरों में दर्द रहने लगे।
जल्दी-जल्दी बीमार पड़ रहे हैं।
स्किन पेल यानी पीली दिखने लगी है।
विटामिन डी शरीर में कैल्शियम और फॉस्फेट की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करता है, जो हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
विटामिन डी हमारी त्वचा में सूरज की रोशनी से बनता है और कुछ खाद्य पदार्थों में भी थोड़ी मात्रा में पाया जाता है।
विटामिन डी के अच्छे स्रोतों में शामिल हैं:
तैलीय मछली – जैसे सैल्मन, हेरिंग और मैकेरल
लाल मांस और ऑफल – जैसे कि लीवर और किडनी
अंडे
गढ़वाले अनाज, सोया उत्पाद और स्प्रेड
जब बाहर हों तो सूरज की रोशनी से पर्याप्त विटामिन डी प्राप्त करें ; यदि संभव न हो तो सप्लीमेंट्स लें।